लगातार हो रही बारिश के चलते भरभरा कर गिर स्कूल का जर्जर भवन
बरौर प्राथमिक विद्यालय द्वितीय का भवन 2004 में बनाया गया था। जिसमे दो कमरे, एक हाल व एक कार्यालय कक्ष का निर्माण हुआ था। विद्यालय का भवन वर्तमान के समय में जर्जर हो गया है। इसमें एक कक्ष अधिक जर्जर होने के चलते उसमें शिक्षण कार्य भी बंद चल रहा था।इसकी एक बीम विद्यालय के पास रहने वाले विनोद के घर पर गिरी।
लगातार हो रही बारिश के चलते भरभरा कर गिर स्कूल का जर्जर भवन
बरौर प्राथमिक विद्यालय द्वितीय का भवन 2004 में बनाया गया था। जिसमे दो कमरे, एक हाल व एक कार्यालय कक्ष का निर्माण हुआ था। विद्यालय का भवन वर्तमान के समय में जर्जर हो गया है। इसमें एक कक्ष अधिक जर्जर होने के चलते उसमें शिक्षण कार्य भी बंद चल रहा था।इसकी एक बीम विद्यालय के पास रहने वाले विनोद के घर पर गिरी।
बरौर प्राथमिक विद्यालय द्वितीय का भवन 2004 में बनाया गया था। जिसमे दो कमरे, एक हाल व एक कार्यालय कक्ष का निर्माण हुआ था। विद्यालय का भवन वर्तमान के समय में जर्जर हो गया है। इसमें एक कक्ष अधिक जर्जर होने के चलते उसमें शिक्षण कार्य भी बंद चल रहा था।इसकी एक बीम विद्यालय के पास रहने वाले विनोद के घर पर गिरी। इससे उनकी एक बकरी घायल हो गई है। कक्ष गिरने की आवाज सुनकर रात में आसपास के लोग पहुंचे लेकिन किसी के हताहत नहीं होने पर लौट गए।
जानकारी मिलने पर पहुंची प्रधानध्यापक
सुबह जानकारी होने पर प्रधानाध्यापक सरस्वती गौतम मौके पर पहुंचीं। उन्होंने बताया कि जो कक्ष गिरा है वह अधिक जर्जर होने के चलते बंद रहता था। इसके जर्जर होने की सूचना अधिकारियों को दी गई थी। जर्जर भवन होने की रिपोर्ट वह कई बार विभागीय अधिकारियों को दे चुकी हैं। अब पूरे भवन के जर्जर होने की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।वहीं, अधिकारियों ने सोमवार से शिक्षण कार्य पास में बने अतिरिक्त कक्ष में करने के निर्देश दिए गए हैं। एबीएसए संजय गुप्ता ने बताया कि विद्यालय के पुराने भवन में शिक्षण कार्य नहीं कराने को कहा गया है। अब अतिरिक्त कक्ष में शिक्षण कार्य कराया जाएगा।
दिन में गिरता कमरा तो हो सकता था बड़ा हादसा
बरौर प्राथमिक विद्यालय द्वितीय में 94 छात्र पंजीकृत हैं। यहां प्रधानाध्यापक सरस्वती गौतम, सहायक अध्यापक रश्मी सचान और शिक्षामित्र सरस्वती देवी की तैनाती है। विद्यालय का पुराना भवन जर्जर है। इसके एक कक्ष के अधिक जर्जर होने की रिपोर्ट प्रधानाध्यापक की ओर से देने पर अधिकारियों ने इसे बंद करने के निर्देश दिए थे। वहीं, पुराने भवन के एक कमरे में शिक्षण कार्य के साथ कार्यालय का भी संचालन हो रहा था। विद्यालय खुलने पर बच्चे अक्सर जर्जर भवन तक पहुंच जाते थे। अगर जर्जर भवन विद्यालय संचालन के दौरान दिन में गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था। प्रधान कोमलदेवी के पति सुरजीत कश्यप ने बताया कि जानकारी पर जर्जर भवन का निरीक्षण किया गया है। इस पूरे परिसर में बच्चों को नहीं पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक से कहा गया है। अब अतिरिक्त कक्ष में कक्षाओं का संचालन होगा।