गंगा के जलस्तर में वृद्धि से प्रभावित क्षेत्रों में स्वयं सेवी संस्था और आकाश निषाद ने वितरण की राहत सामग्री
गंगा के जलस्तर में उछालन, स्वयं सेवी संस्थाएँ और आकाश निषाद ने विपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गंगा के किनारे के क्षेत्रों में स्थित स्थानीय निवासियों को मिली राहत, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को राहत सामग्री वितरण की गयी है
उन्नाव बांगरमऊ -जलस्तर में उछालन, स्वयं सेवी संस्थाएँ और आकाश निषाद ने विपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गंगा के किनारे के क्षेत्रों में स्थित स्थानीय निवासियों को मिली राहत, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को स्वच्छता अभियान, राहत सामग्री वितरण, चिकित्सा सेवाएँ और शिक्षा के क्षेत्र में संघर्षरत स्वयं सेवी संस्थाएँ निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका
आकाश निषाद: “सामाजिक सेवा के माध्यम से गंगा के प्रेम में योगदान करने का अवसर मिला, जन-जन तक मदद पहुंचाने में प्रिय है।” महीनों तक बढ़ते गंगा के जलस्तर ने उसके किनारे के क्षेत्रों में भारी विपदाओं का संकेत दिया है। निरंतर बढ़ते जलस्तर ने बाढ़, बाढ़ और जलप्रलय की आशंका को उत्तराधिकारियों के दिमाग में बैठा दिया है। इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में, स्थानीय स्तर पर स्वयं सेवी संस्थाएँ और आकाश निषाद जैसे सामाजिक क्रियाकलापी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री की वितरण में सहायता प्रदान कर रही हैं।
गंगा, भारतीय सभ्यता और धर्म का प्रतीक, पवित्र नदी मानी जाती है। हजारों सालों से यह नदी भारतीय जीवन का हिस्सा है और इसकी महत्वपूर्ण भूमिका हिन्दू धर्म में भी है। हाल के महीनों में, बारिश की मात्रा में वृद्धि के कारण गंगा के जलस्तर में असामान्य उछाल हो रहा है, जिसका प्रभाव प्रमुख गंगा किनारे के क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप कई स्थानों में बाढ़, जलप्रलय, और सामाजिक समस्याएँ पैदा हो रही हैं।
इस गंभीर परिस्थिति में स्थानीय स्वयं सेवी संस्थाएँ और आकाश निषाद ने संघर्षरत रूप से काम किया है ताकि प्रभावित क्षेत्रों की मदद की जा सके। उन्होंने न केवल राहत सामग्री वितरित की है, बल्कि उन्होंने स्थानीय लोगों को जागरूक किया है और सामुदायिक सेवाओं का संचालन किया है जिससे लोगों को अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने में मदद मिल सके।
स्वयं सेवी संस्थाओं और आकाश निषाद के सदस्यों ने एक साथ मिलकर समाज के विभिन्न पहलुओं में काम किया है। वे स्वच्छता अभियान में भी सक्रिय रहे हैं, गंगा किनारे के साफ़ और स्वच्छ रहने का संदेश देने में मदद करते हैं। उन्होंने बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए सामाजिक कार्यशालाएं आयोजित की है जो उनकी शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में मदद कर रही हैं।
आकाश निषाद ने बताया, “मेरे लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो मुझे सामाजिक सेवा करने का माध्यम प्रदान करता है। गंगा के प्रेम में योगदान करना और उसके प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना मुझे गर्वित बनाता है।”
स्वयं सेवी संस्थाएँ और आकाश निषाद की पहल के परिणामस्वरूप, प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री की वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनके संघर्ष और समर्पण का परिणामस्वरूप गंगा किनारे के लोगों को आवश्यक सहायता पहुंचा है, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को इस अवसर पर, हमें स्वयं सेवा के महत्व को समझने और इसे समाज में प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। आवश्यक राहत सामग्री की पहुंच प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि प्रभावित लोगों को सहायता मिल सके और उनका जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रह सके। इसी को देखते हुए आज ग्राम पंचयत मल्हपुरवा, फरीदपुर ,में पूर्व ग्राम प्रधान धीरेन्द्र निषाद बबलू ,गोविन्द शुक्ला ,अंकित शुक्ला, आलोक बाजपेयी ,अदि लोग मौजूद रहे।