बलवंत सिंह हत्याकांड के मामले के आरोपी तत्कालीन मैंथा चौकी इंचार्ज की जमानत की अर्जी हुई खारिज
बलवन्त हत्यकाण्ड के आरोपी तत्कालीन मैथा चौकी इंचार्ज तत्कालीन सब इंस्पेक्टर ज्ञान प्रकाश पाण्डे का शुक्रवार को जमानतीय प्रार्थना पत्र छह पेज के विस्तृत आदेश के साथ माननीय अपर जिला जज प्रथम श्रीचन्द्रशेखर की अदालत ने निरस्त कर दिया।
बलवंत सिंह हत्याकांड के मामले के आरोपी तत्कालीन मैंथा चौकी इंचार्ज की जमानत की अर्जी हुई खारिज
कानपुर देहात बहुचर्चित बलवन्त हत्यकाण्ड के आरोपी तत्कालीन मैथा चौकी इंचार्ज तत्कालीन सब इंस्पेक्टर ज्ञान प्रकाश पाण्डे का शुक्रवार को जमानतीय प्रार्थना पत्र छह पेज के विस्तृत आदेश के साथ माननीय अपर जिला जज प्रथम श्रीचन्द्रशेखर की अदालत ने निरस्त कर दिया। यह जानकारी वादी पक्ष की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने देते हुए बताया कि न्यायालय ने अपने विस्तृत आदेश में प्रथम सूचना रिपोर्ट, विवेचना की केस डायरी में वादी व अन्य साक्षियों के बयान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट जिसमे मृतक के शरीर मे 31 चोटें पाई जाने जिससे अत्यधिक रक्तस्राव व खून के थक्के जमे होने एक गुर्दा खून से पूरी तरह खाली होने दूसरे में बहुत थोड़ा रक्त होने और उसी से मृत्यु होने की आख्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट में होने,घटना से सम्बंधित सीसीटीवी कैमरों की आख्या, आरोपियों के वाहनों की बारा टोल गेट से निकासी आख्या की समीक्षा करते हुए इस आदेश के साथ कि मामला गम्भीर प्रकृति का है और सह अभियुक्त तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रशान्त गौतम की जमानत इस न्यायालय द्वरा पूर्व में निरस्त की जा चुकी है जमानत का आधार नहीं है जमानतीय प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया है।
आप सभी को बताते चलें कि थाना शिवली क्षेत्र के ग्राम सरैंया लालपुर शिवराजपुर निवासी अंगद सिंह ने थाना रनिया में अपने भतीजे बलवन्त सिंह की दिनाँक 12 दिसम्बर को पुलिस अभिरक्षा में बेरहमी पूर्वक पिटाई कर हत्या करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट लिखाई थी। मृतक व्यापारी बलवन्त सिंह का कानपुर नगर में डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया था,जिसमे मृतक के शरीर मे 31 चोटें होना व उसी से मृतक की मृत्यु होने पाया गया था,जिसमें विवेचना में एसआईटी ने आरोपी तत्कालीन रनिया थाना प्रभारी व एक आरक्षी व जिला अस्पताल के एक चिकित्सक की नामजदगी गलत पाने का लेख लिखते हुए उनके पक्ष में अंतिम आख्या व केस में इरादतन हत्या की धारा 302 के स्थान पर गैर इरादतन हत्या की धारा 304 भारतीय दण्ड संहिता में आरोप पत्र प्रेषित किया था।
अधिवक्ता जितेन्द्र चौहान ने बताया कि मामले मे जहाँ आठ आरोपी जेल में निरुद्ध है वहीं आरोपी गण तत्कालीन रनिया थाना प्रभारी शिव प्रकाश सिंह एसओजी आरक्षी महेश गुप्ता व जिला अस्पताल के चिकित्सक को केस में तलब करने व मामले को आरोपियों को लूट व धारा 302 आईपीसी सहित अन्य सुसंगत धाराओं में संज्ञान लेने हेतु वादी का प्रार्थना पत्र विचाराधीन है और इस मामले में सुनवाई की तिथि 26 सितम्बर नियत है.