खंड शिक्षा अधिकारियों की उदासीनता के कारण शिक्षकों को दीपावली पर्व पर नहीं मिल सका बोनस
दिवाली पर शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा तो हुई मगर भुगतान नहीं हो पाया। दरअसल नौ नवंबर की शाम को बोनस देने की घोषणा की जानकारी विभागों में दस नवंबर की सुबह आदेश आने के बाद हुई।
कानपुर देहात- दिवाली पर शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा तो हुई मगर भुगतान नहीं हो पाया। दरअसल नौ नवंबर की शाम को बोनस देने की घोषणा की जानकारी विभागों में दस नवंबर की सुबह आदेश आने के बाद हुई।
अगले दिन 11 नवंबर को दफ्तर बंद हो गए। इससे शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को त्योहार पर बोनस नहीं मिल सका। खंड शिक्षा अधिकारियों की उदासीनता के चलते भी इसमें देरी हुई क्योंकि लेखाधिकारी ने सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे लेकिन खंड शिक्षा अधिकारियों ने बोनस भुगतान हेतु शिक्षकों की सत्यापित सूची नहीं भेजी।
हालांकि जिन विभागों में कर्मचारियों की संख्या कम थी वह लाभ उठाने में सफल रहे।जनपद के वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) आशुतोष त्रिपाठी ने दीपावली से पहले ही शिक्षकों को बोनस दिए जाने की तैयारी की थी लेकिन खंड शिक्षा अधिकारियों ने इस कार्य में तेजी नहीं दिखाई जिस कारण से शिक्षकों को बोनस का भुगतान दीपावली पर्व के पहले नहीं हो सका एक बार पुन: उन्होंने पत्र जारी कर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे वित्तीय वर्ष 2022-23 की शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के बोनस की सूचियों की स्वप्रमाणित हार्ड कॉपी दो कार्य दिवसों में अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को प्रेषित करना सुनिश्चित करें। यदि आपके द्वारा पुनः बोनस सम्बन्धित सूचियों को ससमय उपलब्ध नहीं कराया गया तो आपके विकासखण्ड का वित्तीय वर्ष 2022-23 का बोनस निर्गत नहीं किया जाएगा इसका संपूर्ण उत्तरदायित्व स्वयं आपका होगा।
शिक्षकों को करीब सात हजार रुपये बतौर बोनस दिए जाने हैं। इसमें भी शर्त यह है कि जिन शिक्षकों के खिलाफ कोई विभागीय कार्यवाही चल रही है उन शिक्षकों को बोनस नहीं दिया जाएगा। वित्त एवं लेखाधिकारी आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि बोनस का भुगतान अभी नहीं किया गया है। जल्द ही शिक्षकों का बीईओ स्तर से सत्यापन कराने के बाद बोनस की धनराशि शिक्षकों के खातों में भेजी जाएगी। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को हार्ड कॉपी प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।