‘बदसलूकी देखकर परेशान हैं’, रेसलर्स के सपोर्ट में 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम
1983 वर्ल्ड कप में विजयी होने वाली टीम के सदस्यों ने अपने साथी रेसलर्स के सपोर्ट में अपनी परेशानी व्यक्त की है।
‘बदसलूकी देखकर परेशान हैं’, रेसलर्स के सपोर्ट में 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम
1983 वर्ल्ड कप में विजयी होने वाली टीम के सदस्यों ने अपने साथी रेसलर्स के सपोर्ट में अपनी परेशानी व्यक्त की है। इन समयों, रेसलिंग के क्षेत्र में बदसलूकी का माहौल चल रहा है, जो खिलाड़ियों को परेशान कर रही है।
1983 वर्ल्ड कप में जीतने वाली टीम ने एक पत्र में यह बताया है कि वे आज भी रेसलिंग के प्रतिष्ठान में आदर्श बने हुए हैं और इसलिए उन्हें आपातकालीन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी तरह से आयोजित किए जाने वाले खेल के बिना खिलाड़ियों के संघर्ष में कोई विकास नहीं हो सकता।
टीम के सदस्यों ने बताया कि कुछ समय से रेसलिंग खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी हो रही है। उन्हें समाज की ओर से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं और उन्हें जबरन निकाल दिया जा रहा है। टीम के सदस्यों ने बताया कि कुछ समय से रेसलिंग खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी हो रही है। उन्हें समाज की ओर से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं और उन्हें जबरन निकाल दिया जा रहा है। इसके अलावा, विभिन्न स्तरों पर खेल में अनुचित प्रभाव और नियमों के उल्लंघन की रिपोर्टें भी आ रही हैं। इससे खिलाड़ियों के अधिकार और संरक्षण को लेकर चिंता बढ़ रही है।
टीम के संयुक्त मुख्यालय पर पत्रिकाओं के सामान्य संपादकों को एक भेंट करने के बाद, टीम ने यह स्पष्ट किया है कि वे खुले खुदरा चरसों के विरुद्ध हैं और स्पष्टता से बताया है कि रेसलिंग के नाम पर हो रही अनुचितताओं का कोई समर्थन नहीं करेंगे। वे इस बात का भी आग्रह कर रहे हैं कि रेसलिंग को निष्पक्षता, उच्चता और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाने के लिए सभी दलों को मिलकर काम करना चाहिए।इस बैठक में उच्चाधिकारी भी मौजूद थे, जो टीम के सदस्यों के द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुनने के लिए उनकी सुविधा दिया। उच्चाधिकारी ने आश्वासन दिया कि उनका उद्यम समर्थित है और उन्हें इस बदसलूकी के खिलाफ संघर्ष करने के लिए एकत्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा और अधिकारों की सुरक्षा एक प्राथमिकता होनी चाहिए और उनके द्वारा प्रदर्शित किये गए क्षमताओं को सम्मानित किया जाना चाहिए।
बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें ट्रेनिंग के अभाव, रेसलिंग संघ द्वारा अप्रासंगिक नियमों का पालन, प्रशिक्षण केंद्रों की कमी, और रेसलर्स के लिए सुविधाओं की अप्रासंगिकता शामिल थी। टीम ने प्राथमिकता सूची तैयार की है, जिसमें इन समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यक कदम शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय रेसलिंग संघ को भी आग्रह किया है कि वे खिलाड़ियों की सुरक्षा, तरक्की और समर्थन के लिए अधिक संपन्न हों। टीम ने संघ के साथ संवाद स्थापित करने का भी आग्रह किया है, ताकि वे साथ मिलकर इन मुद्दों का समाधान ढूंढ सकें।यह खबर रेसलिंग समुदाय में व्याप्त हो रही उच्चाधिकारियों के ध्यान में है। इसके परिणामस्वरूप, रेसलिंग संघ ने इस मामले की जांच के लिए एक आयोग गठित किया है, जो इस मुद्दे पर विचार करेगा और संघ को रेसलिंग के नाम पर हो रही अप्रासंगिकताओं का सामना करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए सुझाव देगा।
विश्व विजेता टीम ने स्पष्ट किया है कि उनका लक्ष्य रेसलिंग की गरिमा और मान्यता को सुरक्षित रखना है। उन्होंने कहा है कि वे सभी खिलाड़ियों के साथ एकजुट होकर उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे और उन्हें प्रोत्साहित करेंगे।