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सेल्हुपुर हत्याकांड – उम्रकैद काट रहे दोषी की जमानत बाद गया रिहाई परवाना

कानपुर देहात देवराहट क्षेत्र के गांव सेल्हुपुर में 1979 मे हुए सामूहिक हत्याकांड मामले में 44 साल बाद अदालत ने मामले में पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

कानपुर देहात देवराहट क्षेत्र के गांव सेल्हुपुर में 1979 मे हुए सामूहिक हत्याकांड मामले में 44 साल बाद अदालत ने मामले में पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सजा पाए दोषियो की ओर से निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील के साथ ही जमानत याचिका दायर की गई थी।मामले में पहली जमानत याचिका सजायाफ्ता दोषी धनीराम की माननीय हाई कोर्ट ने स्वीकार की थी ।जमानत आदेश के साथ जमानती का सत्यापन होने बाद शुक्रवार को अदालत ने दोषी का रिहाई परवाना जेल भेज दिया है।

देवराहट क्षेत्र के सेल्हूपुर गांव में नवंबर 1978 मे हुई किसान दिनेश की हत्या के आरोपी अयोध्या प्रसाद के जमानत पर रिहा होने के बाद बदला लेने के इरादे से दिनेश के भाई रमेशचंद ने अपने साथियों समेत 23 अप्रैल 1979 को अयोध्या प्रसाद के भाई सरजू ,भतीजे शिव प्रसाद व छोटे तथा चार साल के पौत्र भीम सिंह की हत्या कर दी थी। मामले में अयोध्या प्रसाद ने तत्कालीन समय भोगनीपुर कोतवाली में रमेशचंद सहित 21 लोगों के खिलाफ हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई दौरान अभियोजन की ओर से कोर्ट में 9 लोगों की हुई गवाही के बाद शुरू हुए कानूनी दांव पेंच में यह मामला 1982 में माननीय हाईकोर्ट के स्थगनादेश से लंबित हो गया था।

स्टे खारिज होने के बाद मामले की सुनवाई जब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रवि यादव की अदालत में शुरू हुई तब तक मामले में 14 आरोपियों की मौतें हो चुकी थीं वहीं एक आरोपी मान सिंह फरार चल रहा था। अदालत ने मामले में हाजिर जीवित शेष आरोपी विजय बहादुर, प्रेमचंद्र , विजय नारायण, बतोले, मथुरा , धनीराम की पत्रावली को अलग कर सुनवाई शुरू कर दी थी।अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए इसी साल 23 मार्च को पांच आरोपियों विजय बहादुर,प्रेमचंद ,विजय नारायण, बतोले व धनीराम को दोषसिद्ध करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी साथ ही प्रत्येक दोषी पर 29 – 29 हजार रूपए अर्थदंड लगाया था वहीं आरोपी मथुरा को दोषमुक्त कर दिया था।

दोषियों की ओर से सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी साथ ही दौरान विचाराधीन अपील जमानत की मांग की गई थी। मामले में सजा काट रहे धनीराम के अधिवक्ता विनोद यादव व महेश यादव ने बताया कि हाई कोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए दोषी धनीराम की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया था जिसपर माननीय हाई कोर्ट से आदेश की सत्यापित नकल के साथ माननीय अपर जिला जज चतुर्थ की अदालत में जमानती पेश किए गए थे।जमानती की सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को अदालत ने दोषी का रिहाई परवाना जारी कर दिया है।

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